Monday, May 14, 2018

पुरुष, पौरुष और पुरुषत्व के बीच स्वस्थ जीवन जीने की कला (भाग :३)

पुरुष के 'अन्दर की बात' 'आघात' के भय से साथ 'वात' में झूलती है।

बॉक्सर पहना जाए कि ब्रीफ़ ? कौन सा अण्डरवीयर-डिज़ायन शुक्राणु-निर्माण के लिए बेहतर है ? मौसम गरम हो तो शुक्राणु कम बनेंगे ? सर्दी में उनका उत्पादन अधिक होगा ? पहली बात कि यह सच है कि पुरुष के वृषण-कोष या स्क्रॉटम जितना मुख्य देह के समीप रहेंगे , उतना उनका ताप शरीर-जैसा होगा। शरीर जैसा यानी 37 डिग्री सेल्सियस के पास। पास यानी शुक्राणुओं की पैदावार कम। तो ज़ाहिर है कि जो अंडरगार्मेंट वृषणों को ऊपर की ओर जकड़ कर रखेगा , उसके साथ शुक्राणु-उत्पादन में कमी आ सकती है। बॉक्सर पहनना ऐसे में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने के लिए बेहतर है। रही बात मौसम की , तो असली बात यह समझिए कि शुक्राणुओं का उत्पादन बाहर के नहीं , जिस्म के भीतर के ताप पर निर्भर है।

अगर बुख़ार होगा , वे कम बनेंगे। अगर वृषण शरीर में होंगे , उनका निर्माण कम होगा। बाहर चाहे लू चले और चाहे बर्फ़ गिरे , आदमी के शरीर का तापमान निश्चित दायरे में ही रहता है क्योंकि हम मनुष्य हैं , मेढक नहीं। हमारा ख़ून गर्म है , हम ठण्डे रक्त वाले जानवर नहीं हैं। इन दोनों बातों का सन्तान पैदा करने से क्या सरोकार , पता है ? कोई ख़ास सरोकार तब तक नहीं , जब तक आप आराम से बाप बन पा रहे हैं।

जब नहीं बन पाएँगे , तब आपकी फ़ाइल खुलेगी। शुक्राणुओं की संख्या देखी जाएगी , उनका आकार-आकृति , उनकी गति और वीर्य में अन्य तत्त्वों को भी जाँचा जाएगा। तब यह बॉक्सर-ब्रीफ़ और सर्दी-गर्मी के मायने आपके लिए महत्त्वपूर्ण हो जाएँगे। याद रखिए , एक शुक्राणु पैदा करने वाला पुरुष भी पिता बन सकता है : बस सम्भावना बहुत-बहुत-बहुत-बहुत कम होती है। संख्या में यही शक्ति है , वह सफलता सुनिश्चित कर देती है।



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 भाग १ और भाग २ भी पढ़ें

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